रिश्ते तो अब नहीं
यादें हैं बस
उन्हीं के सहारे
तुमसे नफरत करने से
खुद को बचा पाता हूं
दूरी हमारे बीच शायद कभी नहीं मिटेगी
मगर तुम्हें धन्यवाद देता रहूंगा
मुझे अपना धर्म बहुत प्यारा है
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यादें हैं बस
उन्हीं के सहारे
तुमसे नफरत करने से
खुद को बचा पाता हूं
दूरी हमारे बीच शायद कभी नहीं मिटेगी
मगर तुम्हें धन्यवाद देता रहूंगा
मुझे अपना धर्म बहुत प्यारा है
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