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Wednesday 25 May 2011

सच्ची कहानी

 

इस कलम के जादू को
कोई किसी से ना छीने |
ख़ुद की कहानिओं को खत्म करने का ज़िम्मा ,
कोई दूसरा,
 अपने हाथों न ले |
छोड़ दी उसने तीन घंटे कि कहानी,                                                    
अब, एक साल और,
फिर से जी पाने के :
सपने संजोयेगा |

तीन घंटे में,
करो या मरो की दुनिया ,


कोई कहानी  हीं लगती है |









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